तूने फूँके प्राण तन-मन में, माँ तुझसे ही है ये जीवन.
तेरी साँसों की लय पर, सीखा मैंने साँसे लेना.
धड़का ये ह्रदय पहले, सुन कर तेरी ही धड़कन.
तूने फूँके प्राण तन-मन में ,माँ तुझसे ही है ये जीवन.
तेरे आँचल में ही देखा, पहला सुखद सपन सलोना.
तूने फूँके प्राण तन-मन में ,माँ तुझसे ही है ये जीवन .
जीवन-पथ से चुन कर काँटे,सिखलाया सपनों को संजोना.
हर ठोकर पर गोद तुम्हारी,तुमने ही दिखलाया था दर्पण.
तूने फूँके प्राण तन-मन में,माँ तुझसे ही है ये जीवन.
बनाया स्वाभिमानी तुमने,तो तुम्ही से सीखा मैंने झुकना.
देकर संस्कारों की थाती ,बना दिया ये जीवन उपवन.
तूने फूँके प्राण तन-मन में ,माँ तुझसे ही है ये जीवन.
माँ क्या होती है ,ये मैंने माँ बन कर है जाना,
अपने आँचल के फूलोँ पर करती तन-मन-धन और जीवन अर्पण.
तूने फूँके प्राण तन-मन में माँ तुझसे ही है ये जीवन.
तेरी साँसों की लय पर, सीखा मैंने साँसे लेना.
धड़का ये ह्रदय पहले, सुन कर तेरी ही धड़कन.
तूने फूँके प्राण तन-मन में ,माँ तुझसे ही है ये जीवन.
तेरे आँचल में ही देखा, पहला सुखद सपन सलोना.
तेरी बाँहों के झूले में ,मिट जाती थी हर थकन .
तूने फूँके प्राण तन-मन में ,माँ तुझसे ही है ये जीवन .
जीवन-पथ से चुन कर काँटे,सिखलाया सपनों को संजोना.
हर ठोकर पर गोद तुम्हारी,तुमने ही दिखलाया था दर्पण.
तूने फूँके प्राण तन-मन में,माँ तुझसे ही है ये जीवन.
बनाया स्वाभिमानी तुमने,तो तुम्ही से सीखा मैंने झुकना.
देकर संस्कारों की थाती ,बना दिया ये जीवन उपवन.
तूने फूँके प्राण तन-मन में ,माँ तुझसे ही है ये जीवन.
माँ क्या होती है ,ये मैंने माँ बन कर है जाना,
अपने आँचल के फूलोँ पर करती तन-मन-धन और जीवन अर्पण.
तूने फूँके प्राण तन-मन में माँ तुझसे ही है ये जीवन.
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