June 12, 2015

प्रिय  प्रांशु के जन्म-दिन पर   उसके लिए कुछ पंक्तियाँ

"जीवन -पथ पर  बढ़ते जाना
रुक  ना  जाना थक कर तुम ,
हर सोपान  चढ़ते जाना।
जीवन-पथ पर बढ़ते जाना
सुख के सपने खूब सँजोना ,
पर दुःखों से लड़ते जाना।
जीवन -पथ पर बढ़ते जाना
मिटा कर मन से हर नफरत ,
प्रेम की भाषा गढ़ते जाना।
जीवन-पथ पर बढ़ते जाना
लेना तुम  सीख हर ठोकर से ,
पथ के कंटक चुनते जाना।
जीवन-पथ पर बढ़ते जाना
भूल ना  जाना अपनों को ,
पर ग़ैरों  से भी मिलते जाना।
जीवन -पथ पर बढ़ते जाना
खुश रहना औ ख़ुशी लुटाना,
मिले जो ग़म तो सहते जाना।
जीवन-पथ पर बढ़ते जाना "
रखना लक्ष्य सदैव  शिखर का ,
और जड़ों को सींचते जाना।
जीवन-पथ पर बढ़ते जाना "
                                         प्रीति