January 11, 2013

'उत्तर-भारत में ठण्ड का कहर '   'उफ़ ये सर्दी'   'क्या जम  जाएगी दिल्ली '  'सन्डे नहीं ठण्ड -डे '.............ये कुछ हेडलाइंस हैं -भारतीय न्यूज़ चैनलों की। वाकई इस बार सर्दी ने सारे रिकार्ड  तोड़ दिए। इस रिकॉर्ड-तोड़ सर्दी में मेरा भी एक रिकॉर्ड टूटा -मै  दस दिनों तक घर से नहीं निकली। कल मेरी एक मित्र के कहने पर, उसके साथ मै  एक बुटीक में गई। वहाँ  का दृश्य बड़ा ही दिलचस्प था ........बड़े से हॉल में सोफे पर दो-तीन सभ्रांत महिलाएं जमी हुई थीं .बीच में मेज़ पर कपड़े फैले हुए थे ,बुटीक मालकिन से उनका किसी ड्रेस की डिजाईन को लेकर डिस्कशन चल रहा था . गर्मागर्म चाय भी सर्व हो रही थी . हॉल के दूसरी ओर  तीन-चार दर्ज़ी, मशीनों पर जुटे हुए थे,मास्टरजी कपड़ा  नापने-जोखने में व्यस्त थे . मेरी मित्र को उन्हीं से काम था, तो वो उधर व्यस्त हो गई। तब तक मुझे भी चाय ऑफर की गयी ,इतने जाड़े में और क्या चाहिए ......सो, चाय की चुस्कियों के साथ मैंने अपने कान वहाँ  चल रही चर्चा की ओर  लगाये .......ध्यान से सुनने पर समझ में आया कि ,एक मोहतरमा के घर में इसी जनवरी में शादी है और वो यहाँ अपने कुत्ते गोल्डी  की जैकेट सिलवाने आई हैं। कुत्ता क्योंकि fawn colour का है (सॉरी!उन्होंने ब्रीड नहीं बताई)इसलिए जैकेट dark-brown colour की ब्रोकेड की बनेगी, जाड़ा  बहुत है,तो नीचे अस्तर लगा कर रुई भरी जाएगी। अस्तर सॉफ्ट होना चाहिए क्योंकि गोल्डी बड़ा ही सेंसिटिव है। हाँ जैकेट में घूँघरू भी लगेंगे।सच!मुझे बड़ा ही रश्क हुआ गोल्डी की किस्मत से ..........मैंने भी एक सलवार-सूट सिलने को दे ही दिया और हम दोनों सहेलियां अपने 'हम-बुटीक गोल्डी की जैकेट'-विषय पर हँसते-बतियाते घर आ गए।कल रात स्वेटर,टोपा -मोजा ,पहने और ऊपर से शाल ओढ़ कर रजाई में बैठे-बैठे मैंने टीवी पर न्यूज़ देखी  -'उत्तर-भारत में सर्दी से 180 लोगों की मौत'. सोचने पर मजबूर हो गयी कि ,सर्दी से कोई इंसान  कैसे मर सकता है और क्या कुत्ते को वाकई इतनी सर्दी लगती है कि  उसे जैकेट पहननी पड़े.......................................

January 01, 2013

..साल 20i5 अतीत की गोद में सरकने को तैयार ,और साल 2016 भविष्य के काँधे पर चढ़ने को बेताब! जाते-जाते साल 2015 को एक नज़र भर कर देखूं तो, घटनाओं और अनुभूतियों की पूरी रील आँखों के आगे खटाखट निकल जाती है .कभी सुभीते से इस रील को आगे-पीछे कर के देखूँगी .आज बात नववर्ष के नव उल्लास की।आने वाला साल अपने साथ क्या लायेगा -ये भेद तो समय के साथ ही खुलेगा .हाँ ! मैंने सोचा है कि ,मै  खुश रहूंगी पर किसी के दुःख का कारण  भी नहीं बनूँगी .वज़न तो कम जरूर करूँगी ,मगर दिल पर भी कोई बोझ नहीं रखूँगी .पूजा-पाठ  करूँगी ,पर कोई वहम नहीं पालूँगी .................................................................................................लिस्ट बहुत लम्बी है ,साल 2017शुरू होने के पहले बताऊँगी  कि ,मिशन 2016 कितना सफल रहा ,अभी तो नववर्ष की ढेरों शुभकामनाओं के साथ चंद  पंक्तियाँ ..............................................

                                                   


"शुभ हो नववर्ष -यही है अभिलाषा ,

                       दूर हो अन्धकार,मन के विकार ,हो मुखरित प्रेम की भाषा .
     शुभ हो  नववर्ष -यही है अभिलाषा 
                      हो सुगम  हर  डगर  ,टूटे ना  सबर ,उपजे हर पल नयी आशा .
  शुभ हो   नववर्ष -यही है अभिलाषा 
                     सुलझे हर उलझन ,नेह-नातों का बंधन ,ना  बदले रिश्तों की परिभाषा 
शुभ हो नववर्ष -यही है अभिलाषा "