June 26, 2020

हाँ!मैं ख़ुश हूँ.... ये कहने से पहले वो,
सुनती है..अपनी मौन अकुलाहटों का कोलाहल,
देखती है....अदृश्य अवसादों की धुंध के उस पार,
और पढ़ती है ...अपना मन ,जो सदा रहा अपठित।

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