"मत चूक चौहान,अबकी कर दे तू मतदान।
क्या बैठा है घर के अंदर,बाहर आ और देख बवंडर,
कैसे-कैसे भ्रष्टाचारी बन बैठे बलवान,
अबकी कर दे तू मतदान।
मत चूक चौहान,अबकी कर दे तू मतदान।
घोटालों पर घोटाला,कर के बैठे सब मुँह काला ,
क्यूँ चिढ़ता जब चुनता नहीं- होनहार बिरवान ,
अबकी कर दे तू मतदान।
मत चूक चौहान,अबकी कर दे तू मतदान।
किसे चुनू ,और किसे नहीं,क्या है कोई एक सही,
सोच ले जी भर,पर मत बन अब नादान,
अबकी कर दे तू मतदान।
मत चूक चौहान ,अबकी कर दे तू मतदान।
मत मत कर तू 'मत' कर दे हर कीमत पर,
लोकतंत्र के यज्ञ की ये आहुति बड़ी महान,
अबकी कर दे तू मतदान।
मत चूक चौहान,अबकी कर दे तू मतदान।"
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